
सिंगापुर पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर, समकक्ष से की मुलाकात; कहा- "सिंगापुर, भारत की एक्ट ईस्ट नीति का केंद्र"
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर तीन दिवसीय चीन-सिंगापुर यात्रा के पहले चरण में रविवार को सिंगापुर पहुंचे। इस दौरे में उन्होंने सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालकृष्णन से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा की। जयशंकर ने कहा कि सिंगापुर भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र है और दोनों देशों के बीच विचारों का आदान-प्रदान हमेशा सार्थक और लाभकारी रहता है।
इस मुलाकात की जानकारी विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा, "आज सुबह सिंगापुर में एफएम विवियन बालकृष्णन से मिलकर खुशी हुई। सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्र बिंदु है, और यहां विचार-विमर्श हमेशा उपयोगी सिद्ध होता है।"
टेमासेक होल्डिंग्स के अध्यक्ष-निर्वाचित से भी की मुलाकात
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान टेमासेक होल्डिंग्स के अध्यक्ष-निर्वाचित टीओ ची हीन से भी भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत में चल रहे आर्थिक सुधारों, बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश के बढ़ते अवसरों पर चर्चा की। जयशंकर ने इस मुलाकात को भी एक्स पर साझा करते हुए लिखा, “टीओ ची हीन से मिलकर अच्छा लगा। हमने भारत में हो रहे परिवर्तनों और संभावित निवेश के अवसरों पर चर्चा की।”
भारत-सिंगापुर संबंधों को मिल रही नई गति
यह दौरा भारत और सिंगापुर के बीच लगातार गहराते राजनीतिक और आर्थिक संबंधों का संकेत देता है। भारत की एक्ट ईस्ट नीति का उद्देश्य पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों के साथ रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है। सिंगापुर इस नीति का एक अहम भागीदार है।
साथ ही, जयशंकर की टेमासेक प्रमुख से बातचीत भारत में विदेशी निवेश के लिए बन रहे अनुकूल माहौल और वैश्विक निवेशकों के लिए भारत की बढ़ती संभावनाओं को रेखांकित करती है।